तिल-तिल मरने को मजबूर है मजदूर

पत्थर खदानों मे जीवन भर काम करने वाले मजदूरों के दम पर खदान संचालक मालामाल हुए और गरीब मजदूर लाइलाज बीमारी से मरने को मजबूर है। ज़िले मे सिलिकोसिस से ग्रस्त अब तक छह मजदूरों की मौत हो चुकी है। और प्रशासन द्वारा आज तक कोई प्रभावी कदम नही उठाया गया है। इससे बीमार हर दिन अपने को मौत के करीब जाते देखने के बाद भी कुछ नही कर पा रहा है।

गौरतलब है कि कुछ साल पहले ही सामाजिक संगठन की पहल से ज़िले के कुछ खनन मजदूरों का परीक्षण कराया गया तो इस बीमारी के बारे मे पता चला कि पन्ना मे सिलिकोसिस से पीड़ित मजदूर बड़ी संख्या मे है। बताया जाता है कि ज़िले मे खनन मजदूरों को सिल्का डस्ट के कारण यह बीमारी होती है। और धीरे-धीरे काम करने बंद कर देते है। जिससे मजदूर की मौत लगभग तय हो जाती है।

सिलिकोसिस मजदूरों का परीक्षण करने वाली सामाजिक संस्था पत्थर खदान मजदूर संघ के अध्यक्ष युसुफ बेग ने बताया कि ज़िला प्रशासन ने कभी भी इन मजदूरों की सुध नहीं ली। विस्तार से जानने के लिए क्लिक करें।