कोटा-बूंदी से लोक सभा सांसद श्री ओम बिरला ने राजस्थान खानों में कार्यरत सिलिकोसिस बीमारी से पीडि़त मजदूरों को अविलम्ब विशेषज्ञ सुविधायुक्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का मुद्दा संसद में शून्य काल के दौरान उठाया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में लगभग 32 हजार खदानें हैं जिनमें 20 लाख से ज्यादा मजदूर काम करते हैं। खनन मजदूरों को विशेष रूप से सांस सम्बंधित बीमारियां होती हैं जिसका मुख्य कारण खानों में काम करने के दौरान सिलिका एवं अन्य अयस्कों के महीन कण फेफडों में चले जाते हैं और जाकर जम जाते हैं, जो धीरे धीरे पहले टीबी के रूप में फिर सिलिकोसिस का रूप धारण कर लेते हैं जो कि लाइलाज बीमारी है।
सांसद बिरला ने कहा है कि अकेले राजस्थान में खान उद्योग में लगे श्रमिक औसतन 40 वर्ष की आयु के बाद खराब स्वास्थ्य के चलते पलंग पकडने को मजबूर हो जाते हैं और शेष जीवन किसी न किसी सहारे काटने को विवश होना पड़ता है। सिलिकोसिस बीमारी की जांच के लिए आवश्यक जांचें जैसे लंग बायोप्सी, कैट स्कैनिंग, फ्लोनरि फंक्शन टैस्ट आदि की सुविधा चुनिंदा केन्द्रों पर उपलब्ध होने के कारण गरीब श्रमिक वहां तक पहुंचने में असमर्थ रहता हैं और समय पर अपना इलाज नहीं करवा पाता है। कमोबेश यही हाल संपूर्ण देश में खनन क्षेत्रों में काम करने वाले खान श्रमिकों का है।
श्री बिरला ने खान श्रमिकों को खनन क्षेत्रों में काम करने के लिए सुरक्षित वातावरण व खनन संबंधित आधुनिक उपकरण उपलब्ध कराने के लिए खान मालिकों को पाबंद करने की कार्ययोजना बनाए जाने की मांग की।
सौजन्य से: प्रेसनोट डॉट इन
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