उदयपुर, राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य डॉ. एम.के. देवराजन ने खनन, फेक्ट्रीज, निर्माण उद्योग के क्षेत्र में नियोजित श्रमिकों में सिलिकोसिस, एस्बेस्टोसिस जैसे गंभीर रोगों की स्थिति में राहत प्रदान करने की दिशा में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत बतायी।

डॉ. देवराजन सोमवार को उदयपुर जिला कलेक्टे्रट सभागार में सिलिकोसिस/एस्बेस्टोसिस बीमारी से पीड़ित खनिज श्रमिकों/मृत्यु उपरांत उनके विधिक उत्तराधिकारियों के भुगतान एवं केम्प कोर्ट व जन सुनवाई बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। डॉ. देवराजन ने कहा कि ऎसे जोखिम भरे उद्योगों में नियोजित श्रमिकों की पूर्ण पहचान हो तथा इनके स्वास्थ्य की नियमित जांच की जाए ताकि रोग की स्थिति का पता चल सके। उन्होंने बताया कि राजस्थान में विगत तीन माहों में 2 हजार 200 प्रकरण चिह्नित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार 2013 में एक योजना ऎसे श्रमिक/मृतक परिवारों के लिए बनाकर क्रमशः एक व तीन लाख की नकद सहायता का प्रावधान किया गया है।

डॉ. देवराजन ने क्वाटर््ज, मूर्ति निर्माण, जेम कटिंग, क्रेशर तथा खनन उद्योगों में नियोजित श्रमिकों की मॉनिटरिंग करने के साथ ही चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से श्रमिकों के स्वास्थ्य जांच के शिविर आयोजित करने पर जोर दिया जिससे रोगी की पहचान हो सके। साथ ही उन्होंने ऎसे औद्योगिक क्षेत्रों के आस-पास रहने वाले निवासियों के स्वास्थ्य पर भी ध्यान देने को कहा।

डॉ. देवराजन ने जिले में गठित न्यूमोकोनियोसिस बोर्ड को प्रभावी भूमिका निभाते हुए इस योजना का लाभ पीड़ितजन को दिलाने की अपील की।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजीव टांक ने बताया कि जिले में क्षय अधिकारी नॉडल ऑफिसर हैं तथा जिला स्तर पर पीएमओ के पास मोबाइल यूनिट्स उपलब्ध है जो प्रत्येक सोमवार ये वेन प्रभावित क्षेत्रों में भेजी जाएगी। इनमें लेब एवं एक्सरे की सुविधा भी उपलब्ध है।

बैठक में राजस्थान भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के सलाहकार डॉ. पी.के. सिसोदिया ने बताया कि ऎसे कर्मकारों को 200 रुपये प्रति व्यक्ति देय होंगे जो स्वयं का एक्सरे कराने व आने-जाने के मानदेय के रूप में देय होंगे। अब तक इस योजनान्तर्गत राज्य में 10 जिलों में शिविर आयोजित हो चुके हैं, जिनमें 745 श्रमिकों को लाभान्वित किया गया। इनमें 277 सिलिकोसिस पीड़ित पाए गए।

बैठक में जिला कलक्टर रोहित गुप्ता ने कहा कि योजना का लाभ प्रभावितों को दिलाने के लिए जिले में अधिकाधिक शिविर आयोजित किए जाएंगे। जिला प्रशासन अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया जायेगा।
बैठक में खान सुरक्षा, श्रम विभाग, आरएनटी मेडिकल कॉलेज, खान एवं भू-विज्ञान सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने अपनी बात और सुझाव भी रखे।

बैठक में जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) ओ.पी.बुनकर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी, उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक विपुल जानी, संयुक्त श्रम आयुक्त पतंजलि भू सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद थे।

केलेंडर का विमोचन – बैठक के दौरान राज्य मानवाधिकार आयोग की ओर से जारी केलेंडर का विधिवत विमोचन किया गया।

Courtesy: pressnote